इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा गोरखपुर एवं द इंस्टिटूशन्स ऑफ इंजीनियर्स लोकल चैप्टर गोरखपुर के सहयोग से ” सतत विकास और प्रौद्योगिकिक ” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संस्थान के डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम सभागार मे किया गया । इस संगोष्ठी की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। संगोष्ठी के शुरुआत मे संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने मुख्य अतिथि के साथ-साथ संगोष्ठी मे आये हुए सभी वक्ताओं का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए उन्हें पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किये। इंस्टिटूशन्स ऑफ इंजीनियर्स गोरखपुर लोकल चैप्टर के अध्यक्ष इं पी के मिश्रा ने दो दिन चलने वाले राष्ट्रीय संगोष्ठी के बारे मे विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि युवाओं को तकनीकी का सही प्रयोग करके सतत विकास मे आने वाले चुनौतियों और मौकों को ठीक प्रकार से संयोजित करना होगा |उद्घाटन सत्र मे मुख्य अतिथि पी के राय मुख्य सिग्नल अभियंता पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सतत विकास को पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों के माध्यम से सरल बनाया जा सकता है, अर्थात पर्यावरणीय सीमाओं के भीतर रहना, एक मजबूत, स्वस्थ और न्यायपूर्ण समाज सुनिश्चित करना, एक स्थायी अर्थव्यवस्था प्राप्त करना, सुशासन को बढ़ावा देना और एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करना, साथ ही उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखना होगा जिससे हमें आने वाले पीढ़ी को एक बेहतर चीज प्रदान कर पाए। मदनमोहन एलुमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष इं जे बी राय ने कहा कि समाज के विकास के लिए स्थायी विकास जरुरी हैं और हमें कम से कम 50 वर्षो का अग्रिम नियोजन करके कार्य करना होगा | संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पूर्व कुलपति एवं पूर्व विंग कमांडर डॉ वी के गोस्वामी ने अपने अनुभवों को छात्रों के साथ शेयर करते हुए कहा कि आपका कठिन परिश्रम ही आपको आगे ले जाता हैं केवल उच्च संस्थान का टैग लगने से आप आगे नही जा सकते हैं | आपको अपनी ऊर्जा देश के निर्माण मे लगानी चाहिए और नई नई तकनीकी के माध्यम से आप यह कार्य बहुत ही आसानी से कर सकते हैं |
प्रो विनय सिंह ने कहा कि सतत विकास के माध्यम से ही सतत भ्रष्टाचार को ख़त्म किया जा सकता हैं | उन्होंने कहा कि सतत विकास के तीन स्तम्भ, आर्थिक, सामजिक एवं पर्यावरण के साथ साथ एक चौथा स्तम्भ गुड गवर्नेंस भी जोड़ जाना चाहिए |
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रो यूं एन राय ने कहा कि ग्रामीण विकास के माध्यम से ही सतत विकास की परिकल्पना को साकार किया जा सकता हैं | प्रो विवेक ने कहा कि भारत प्रकृति के साथ सद्भावपूर्वक रहने की हमारी संस्कृति के साथ सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरुरत हैं |
इस अवसर पर संस्थान के सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल संकायध्यक्ष डॉ आर पी सिंह. डॉ निधि गुप्ता,डॉ तारकेश्वर नाथ, इं आर सी पाण्डेय, डॉ आर एल श्रीवास्तव,डॉक्टर ए आर त्रिपठी,डॉ मनोज कुमार मिश्रा, डॉ आशुतोष गुप्ता, डॉ आशुतोष पाण्डेय, दीप्ति ओझा, विनीत राय, आशुतोष राव, डॉ सरिता गुप्ता, डॉ अलका श्रीवास्तव, शालिनी सिंह, प्रदीप कुमार चौधरी,शुभम श्रीवास्तव,शशि प्रकाश राय,सहित संस्थान के सभी शिक्षक गण एवं छात्र- छात्राएं मौजूद रहे।